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बाल सरंक्षण के संवाद में बीजादूतीर स्वयंसेवक राकेश कश्यप का योगदान
- Lekhika
- बाल सरंक्षण कार्यक्रम
बाल सरंक्षण के संवाद में बीजादूतीर स्वयंसेवक राकेश कश्यप का योगदान
परिचय - राकेश कश्यप, ब्लॉक भैरमगढ़, जिला बीजापुर के निवासी हैं। उन्होंने ग्राम पंचायत कोडोली में बाल सरंक्षण के महत्व को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए एक नारा लेखन कार्यक्रम का आयोजन किया। उनका योगदान समुदाय के सदस्यों को जागरूक करने के लिए महत्वपूर्ण था और उनकी सफलता की इस कहानी उनके समर्पण और सोच को उजागर करती है।
नारा लेखन कार्यक्रम - 13 जून 2024 को ग्राम पंचायत कोडोली में बाल सरंक्षण के महत्व को लेकर नारा लेखन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ग्राम पंचायत और समुदाय में बाल सरंक्षण के महत्व को समझाना था।
राकेश कश्यप का योगदान - राकेश ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी तैयारियाँ की। उन्होंने लोगों को नारा लेखन कार्यक्रम में भाग लेने के लिए प्रेरित किया और उन्हें बाल सरंक्षण के महत्व को समझाने के लिए संवाद में शामिल होने के लिए प्रेरित किया।
सफलता के बादल - कार्यक्रम के दौरान, लोगों ने बाल सरंक्षण के महत्व को समझा और उसमें अपनी भूमिका को निभाने का आश्वासन दिया। इसके जरिए, उन्होंने बाल सरंक्षण के खिलाफ अपना समर्थन और संवाद में योगदान किया। राकेश की पहल ने समुदाय में एक सकारात्मक परिवर्तन की आशा को मजबूत किया।
निष्कर्ष - राकेश कश्यप की इस सफलता की कहानी हमें यह दिखाती है कि एक व्यक्ति के संघर्ष और समर्पण से किसी भी समस्या का समाधान संभव है। उनकी मेहनत और समर्पण ने ग्राम पंचायत कोडोली में बाल सरंक्षण के महत्व में महत्वपूर्ण योगदान किया और समुदाय को एक सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।