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19 Jul

स्वास्थ्य और शैक्षणिक विकास की आदर्श स्वयंसेवक बनी सावित्री भास्कर

स्वास्थ्य और शैक्षणिक विकास की आदर्श स्वयंसेवक बनी सावित्री भास्कर

ग्रामीण क्षेत्रों में समग्र विकास के मूल आयामों में स्वास्थ्य और शैक्षणिक विकास महत्वपूर्ण आयाम है। बीजापुर जिले की सुदूर गांव की एक ग्रामीण महिला ने  इसे विकास का मूल मंत्र मानकर विकास की वह गाथा लिख रही है, जिससे बड़े - बड़े योजनाकारों के दांत खट्टे हो जाय। 

भैरमगढ़ ब्लॉक के एक छोटे से गांव में निवास करने वाली सावित्री भास्कर बीजादूतीर, सामाजिक सेवाओं के क्षेत्र में एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व बन कर उभरी हैं। उन्होंने ग्रामीण समुदाय में स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान दिया है, जिससे गांव के लोगों के जीवन में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है।

कुपोषित बच्चों की देखभाल

सावित्री ने 23 गंभीर कुपोषित बच्चों की पहचान की और उन्हें आदर्श शिक्षा संस्थान के एनआरसी (न्यूट्रिशन रिहैबिलिटेशन सेंटर) में भर्ती करवाया। वहां उन्हें उचित पोषण और चिकित्सा देखभाल प्रदान की गई, जिससे उनकी स्वास्थ्य स्थिति में सुधार हुआ। सावित्री की इस पहल ने न केवल बच्चों के जीवन को बचाया, बल्कि उनके परिवारों को भी एक नई आशा दी।


अनपढ़ बालिकाओं और महिलाओं को शिक्षा देना

सावित्री ने अपने गांव में 10 अनपढ़ बालिकाओं और महिलाओं के लिए शिक्षा के अवसर प्रदान किए। उन्होंने उन्हें आधारभूत अक्षर ज्ञान दिलाने में सहयोग किया, जिससे ये बालिकाएं और महिलाएं आत्मनिर्भर हो सकें और समाज में सम्मानित जीवन जी सकें।


आयुष्मान कार्ड बनाने में सहयोग

आयुष्मान भारत योजना के तहत, सावित्री ने 23 लोगों के लिए आयुष्मान कार्ड बनाने में सहयोग किया। इस कार्ड की मदद से ग्रामीण लोग स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं। सावित्री की इस पहल ने स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को बढ़ावा दिया और लोगों को उचित चिकित्सा सेवाएं प्राप्त करने में मदद की।

गर्भवती महिलाओं की देखभाल

सावित्री ने 4 गर्भवती महिलाओं को संस्थागत डिलीवरी के लिए भर्ती करवाया, ताकि उन्हें उचित चिकित्सा सेवाएं मिल सकें। संस्थागत डिलीवरी ने न केवल माताओं के स्वास्थ्य को सुरक्षित किया, बल्कि नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य को भी सुनिश्चित किया। सावित्री की इस पहल ने गर्भवती महिलाओं को सुरक्षा और देखभाल का अनुभव प्रदान किया।


टीकाकरण प्रोत्साहन

सावित्री ने टीकाकरण के प्रोत्साहन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने अपने गांव में टीकाकरण के महत्व को समझाया और लोगों को टीकाकरण के लिए प्रेरित किया। इसके परिणामस्वरूप, गांव में टीकाकरण दर में सुधार हुआ और जनसामाजिक स्वास्थ्य की स्थिति बेहतर हुई।

निष्कर्ष

सावित्री भास्कर बीजादूतीर की सामाजिक सेवा के क्षेत्र में की गई महत्वपूर्ण उपलब्धियां उनके समर्पण और संघर्षशीलता का प्रमाण हैं। उनके द्वारा किए गए कार्यों ने ग्रामीण समुदाय के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाए हैं और उन्हें एक आदर्श स्वयंसेवक के रूप में स्थापित किया है। सावित्री का यह योगदान समाज के लिए एक प्रेरणा स्रोत है और हमें सिखाता है कि समर्पण और सेवा भाव से किसी भी चुनौती का सामना किया जा सकता है।

 





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