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19 Jul

अब बीजादूतीर स्वयंसेवकों ने जिले में साक्षरता दर बढ़ाने में निभाई बड़ी भूमिका

अब बीजादूतीर स्वयंसेवकों ने जिले में साक्षरता दर बढ़ाने में निभाई बड़ी भूमिका

बस्तर के बीजापुर जिले में, राज्य साक्षरता मिशन छत्तीसगढ़ के कार्यक्रमों, उल्लास और भारत साक्षरता अभियान के अंतर्गत बुनियादी साक्षरता एवं संख्यात्मक ज्ञान मूल्यांकन परीक्षा का आयोजन किया गया। इस आयोजन में बीजादूतीर स्वयंसेवकों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाकर साक्षरता दर वृद्धि में अपने प्रयास को इतिहास के पन्नों में जगह बनाई है। 

बीजादूतीर स्वयंसेवकों का समूह, जो जिला प्रशासन और यूनिसेफ के संयुक्त प्रयासों के तहत काम कर रहा था, ने जिले में साक्षरता बढ़ाने के लिए अथक प्रयास किए। उन्होंने गांव-गांव जाकर लोगों को जागरूक किया और उन्हें साक्षरता परीक्षा में शामिल होने के लिए प्रेरित किया। 


स्वयंसेवकों ने न केवल जागरूकता फैलाने का काम किया, बल्कि उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि लोग परीक्षा केंद्र तक पहुंच सकें। विशेष रूप से, स्वयंसेवकों ने दिव्यांग व्यक्तियों को भी परीक्षा केंद्र तक पहुंचाकर साक्षरता परीक्षा में शामिल किया। उनका उद्देश्य था कि जिले का कोई भी नागरिक शिक्षा से वंचित न रहे।

स्वयंसेवकों के समर्पण और उत्साह ने इस अभियान को सफल बनाया। उन्होंने हर गांव में जाकर लोगों को साक्षरता के महत्व के बारे में बताया और उन्हें परीक्षा में भाग लेने के लिए प्रेरित किया। उनके प्रयासों का परिणाम यह हुआ कि जिले के अधिकतर लोग साक्षरता परीक्षा में शामिल हुए और सफल हुए।


इस सफलता की कहानी बीजादूतीर स्वयंसेवकों के संघर्ष और उनकी निस्वार्थ सेवा का उदाहरण है। उन्होंने यह साबित कर दिया कि सही दिशा में किए गए प्रयास और समर्पण से किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है। उनके प्रयासों से न केवल साक्षरता दर में वृद्धि हुई, बल्कि उन्होंने जिले के विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया।


बीजादूतीर स्वयंसेवकों की यह कहानी हमें यह सिखाती है कि समाज की भलाई के लिए किए गए निस्वार्थ प्रयास हमेशा सफल होते हैं और समाज को एक नई दिशा देने में सहायक होते हैं।



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