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28 Dec

हुलसी ध्रुव: संघर्ष से सशक्ति की कहानी, परिवर्तन की दिशा।

हुलसी ध्रुव: संघर्ष से सशक्ति की कहानी, परिवर्तन की दिशा।

एक छोटे गाँव पाटसिवनी में रहने वाली हुलसी ध्रुव की कहानी है, जिनका जीवन परिवर्तन और संघर्ष से भरा हुआ था। वह चार सदस्यों के परिवार में बड़े हुए थे, जहाँ हर दिन माता-पिता के बीच झगड़े होते थे और दोनों बच्चे बस यही सोचते रहते थे कब इन तकरीबनियाँ खत्म होंगी। एक दिन, उनके पिताजी घर छोड़कर चले गए और मां अकेली हो गईं।

खेती करते-करते मां ने दोनों बच्चों की देखभाल की, लेकिन जब हुलसी मात्र 15 साल की थी और कक्षा 10 में थी, तो उनकी माँ ने आर्थिक तंगी से परेशान होकर उनकी शादी कर दी। शादी के एक माह में ही हुलसी गर्भवती हो गई और चार महीने बाद माँ के घर छोड़ दी गई।

परिवार की आर्थिक स्थिति और संघर्षों के बीच, हुलसी ने अपने बच्चे को जन्म दिया, लेकिन जब उसे लोगों की आलोचना से जूझना पड़ा, तो वह तीन महीने बाद फिर से ससुराल वापस आई। वहाँ पता चला कि उसका पति दूसरी लड़की के साथ चला गया था।


इस हालत में, हुलसी ने समूह में शामिल होकर अपने जीवन को बदलने का फैसला किया। उन्होंने लोन लेकर घर बनाया और अपने बच्चे को उचित शिक्षा दी।

आज, हुलसी देवी रानीपरतेवा संकुल से हिंसा एवं जेंडर चेतना के मास्टर ट्रेनर हैं। उन्होंने संगठन में 40 गाँवों को जोड़ा है और अपने आत्मविश्वास से सबको सशक्त बनाने में मदद की है।

हुलसी देवी को जिला प्रशासन ने आजीविका मिशन का सहयोग प्रदान करके आभार प्रकट किया है। वह अब भी लोगों की मदद कर रही है और समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने का संकल्प बनाए रख रही हैं।


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